
बिहार में बीजेपी विधायक दल के नेता के चुनाव से पहले पार्टी ने मैदान में अपने दिग्गज चेहरे उतार दिए हैं। 18 नवम्बर 2025 की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने इस चुनाव के लिए तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।
कह सकते हैं— “इस बार बिहार का फैसला बिहार नहीं… दिल्ली ही फाइनल करेगी!”
मुख्य पर्यवेक्षक: केशव प्रसाद मौर्य—UP से सीधा बिहार ड्यूटी
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है। विधानसभा दल के नेता के चुनाव पर उनकी नजर होगी और पूरा राजनीतिक समीकरण उनकी मॉनिटरिंग में तय होगा। यह कदम BJP के अंदर शक्ति-संतुलन और कायदे-कानून कायम करने जैसा माना जा रहा है।
दो सह-पर्यवेक्षक—मेघवाल और निरंजन ज्योति मैदान में
पार्टी ने दो बड़े नामों को सह-पर्यवेक्षक बनाकर बिहार मिशन को और वजनदार बना दिया:
- अर्जुन राम मेघवाल – केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री
- साध्वी निरंजन ज्योति – पूर्व केंद्रीय मंत्री
दोनों अनुभवी नेताओं की मौजूदगी साफ संदेश देती है कि “इस बार विधायक दल का नेता कोई गफलत में नहीं चुना जाएगा!”
क्यों लगाया गया इतना बड़ा पैनल?—Bihar Equation is Never Easy
बिहार की राजनीति का गणित थोड़ा मुश्किल है— दल बदल, समीकरण, जातीय पॉलिटिक्स और अंदरूनी लॉबी…सब मिलाकर BJP चाहती है कि कोई गलती न हो, कोई विवाद न हो और नेता ऐसा चुना जाए जो सभी को साथ लेकर चल सके। इसलिए इस बार चुनाव की निगरानी साधारण समिति नहीं, दिल्ली की ‘टॉप थ्री टीम’ कर रही है।

प्रेस रिलीज़—अफिशियल मोड ऑन
इस नियुक्ति को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने साइन कर जारी किया। विज्ञप्ति में साफ लिखा है कि तीनों नेता बिहार में जाकर चुनाव प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेंगे।
मानो कहा गया हो—“बिहार वालों, हम आपकी मदद के लिए तीन बॉस भेज रहे हैं… संभल कर रहिए!”
बिहार नेतृत्व चुनाव बनेगा हाई-वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा
BJP का यह कदम दिखाता है कि पार्टी इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। दिल्ली से उतारी गई यह हाई-कमांड टीम न सिर्फ सियासी भार बढ़ाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि बिहार अब राष्ट्रीय राजनीति के सेंटर स्टेज पर है। आने वाले दिनों में ये नेतृत्व चुनाव निश्चित ही सुर्खियों में रहेगा।
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